कोरोना को रोको ना……
कोरोना को रोको ना, थोड़ी सी सावधानी तो बरतो ना।
लाखो लोगो ने प्राण गवाएं, अब तो थोड़ा समझो ना।
अपने और अपनों का जीवन क्यों इतना सस्ता समझ रहे।
मौत को दावत क्यो दे रहे, अपनी छोटी सी दुनिया को क्यो उझाड़ रहे।
सावधानी हटी और दुर्घटना घटी शायद हम भूल गए है।
घातक यह वायरस, नासमझी से हम अधिक घातक बना रहे है।
मुँह से मुँह लगाकर बातें करना, गलबहियां का मोहभंग न होना।
भेंड़ की भीड़ का याराना करना, मतलब यमदूतों को गले लगाना।
दुपट्टा उलझन बिल्कुल नही जिंदगी जीने की सुलझन है।
कुछ कदमो की दूरी से संबोधन, मौत की आहट से बहुत बेहत्तर है।
आज जिंदा रहे तो कल दोस्ती रिश्तेदारी सब कुछ निभा लेंगे।
मृत्यु के आलिंगन की क्यो जल्दी है, मूर्खता से तो सब कुछ गंवा देंगे।
कोरोना को रोको ना, थोड़ी सी सावधानी तो बरतो ना।
लाखो लोगो ने प्राण गवाएं, अब तो थोड़ा समझो ना।
✍️तेज